वंदना ग्रोवर
मैं .. वंदना ग्रोवर
पैदाइश हाथरस की
तालीम : एम ए ,बी एड ,पी एच डी
तालीम का कुछ हिस्सा हाथरस में ,कुछ आगरा में
किताबों के ढेर में होश सम्भालने और पढ़ने-लिखने के माहौल में परवरिश ने ज़िन्दगी की बेहतर समझ दी।
शुरूआत से लॉ पढ़ने और अपना कारोबार की करने की तमन्ना ( शायद एक खुद्दार और कामयाब कारोबारी की बेटी होने की वजह से... जो अधूरी है अभी )
एक छटपटाहट है जिसके इर्द-गिर्द मेरी महत्वाकांक्षा भटकती है
कविता संग्रह 'मेरे पास पंख नहीं हैं ' का प्रकाशन।
इस संग्रह से पहले और बाद में कुछ कविताओं का प्रकाशन क्रमशः 'औरत होकर सवाल करती है' 'सुनो ,समय जो कहता है ' और 'अपनी अपनी धरती' नामक कविता संग्रहों में।
लोक सभा सचिवालय में बतौर क्लास -वन अधिकारी कार्यरत
शौक़ थे कुछ ,जब रईसी थी
ज़िन्दगी जीने लायक है फिर भी